टेलीकॉम एक्ट 2023 के तहत इसके नए प्रावधान अब 27 जून 2024 से लागू किए जाएंगे। नई टेलीकॉम एक्ट में जेल की सजा से लेकर भारी जुर्माना का प्रावधान शामिल है। साथ ही सिम कार्ड को लेकर भी नए नियम बनाए गए हैं।
नए एक्ट के लागू होने के बाद से ब्रिटिश काल की दो पुराने नियम टेलीग्राफ एक्ट 1885 और वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट 1933 खत्म हो जाएंगे। नया टेलीकॉम एक्ट इन दोनों पुराने नियम को रिप्लेस कर देगा। हलांकि अभी सरकार ने इस टेलीकॉम एक्ट के कुछ सेक्शन को ही लागू करने का फैसला किया है। ये सेक्शन मोबाईल और ब्रॉडबैंड यूजर्स की सुरक्षा आदि को ध्यान में रखकर लागू किए जाएंगे। वही स्पेक्ट्रम के आवंटन, सैटेलाइट, सर्विस आदि से जुड़े सेक्शन अभी लागू नहीं किए जाएंगे।
सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक टेलीकॉम एक्ट 2023 के क्षेत्र 1, 2 10 से लेकर 30 तक, 42 से 44 तक, 46, 47, 50 से 58 तक, 61 और 62 को 27 जून से लागू कर दिया जाएगा। नई टेलीकॉम एक्ट के लागू होने तक सभी पुराने प्रोविजन और नियम प्रभावी रहेंगे। टेलिकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल ने नई टेलीकॉम एक्ट का गैजेट नोटिफिकेशन अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है और कहा है कि नया नियम 150 साल पुराने टेलीग्राफ एक्ट को रिप्लेस कर देगा।
नई टेलीकॉम एक्ट की बड़ी बातें मोबाइल यूजर्स के लिए टेलीकॉम एक्ट में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे यूजर की आईडी और सिम कार्ड का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकेग। नई टेलीकॉम एक्ट में सिम कार्ड और यूजर की पहचान का गलत इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति या संस्था पर भारी जुर्माना का प्रावधान है। दोषी व्यक्ति को जेल की सजा भी हो सकती है।
अगर कोई व्यक्ति फर्जी तरीके से यूजर के ID का इस्तेमाल सिम कार्ड खरीदने के लिए करता है तो उसे 3 साल की सजा और 50 लाख तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है या फिर जेल और फाइन दोनों लगाई जा सकती है। इसमें सिम कार्ड स्पूफिंग यानी अपनी पहचान छुपाना भी शामिल है। इसके अलावा अगर किसी यूज़र के आधार कार्ड से 9 से ज्यादा सिम कार्ड जारी हुआ है तो उसे ₹50000 का जुर्माना पहली गलती के लिए और ₹200000 तक का जुर्माना गलती दोहराने के लिए लगाया जा सकता है।
टेलीकॉम कंपनियों को साथ यूजर की पहचान को केवल बायोमेट्रिक बेस्ट आइडेंटिफिकेशन (आधार से लिंक) के जरिए वेरीफाई करना होगा। यह नियम अपराधियों को यूजर के वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस का गलत इस्तेमाल करके सिम कार्ड जारी करवाने से रोएगा।
नए नियम में टेलीकॉम कंपनियों को यूजर से एडवरटाइजिंग मैसेज या स्पेसिफाइड मैसेज रिसीव करने का कंसेंट फॉर्म कनेक्शन लेने से पहले भरवाना होगा। इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों को यूजर्स को डीएनडी सर्विस रजिस्टर करने का ऑप्शन देना होगा। साथ ही यूजर को मैसेज या वायरस को रिपोर्ट करने का ऑप्शन मिलना चाहिए। इसके अलावा टेलीकॉम ऑपरेटरों को यूजर्स के लिए ग्रीवेंस या शिकायत रजिस्टर करने के लिए ऑनलाइन मेकैनिज्म सेटअप करना होगा ।
केंद्र सरकार किसी भी टेलीकॉम कंपनी को केवल नीलामी के जरिए ही स्पेक्ट्रम एलोकेशन कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए कुछ अपवाद भी है जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा और डिफेंस रिसर्च वर्क, डिजास्टर मैनेजमेंट, वेदर फोरकास्टिंग, ट्रांसपोर्ट, सैटेलाइट सर्विस जैसे कि डीटीएच और सैटेलाइट टेलीफोन, बीएसएनल, एमटीएनएल, पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस आदि शामिल है। इनके लिए स्पेक्ट्रम का एलोकेशन एडमिनिस्ट्रेटिव बेसिस पर किया जा सकता है।
TRAI का अध्यक्ष केवल उन्हें नियुक्त किया जा सकता है जिनके पास काम से कम 30 साल का प्रोफेशनल एक्सपीरियंस और सदस्य के तौर पर 25 साल का प्रोफेशनल एक्सपीरियंस होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों को देखते हुए टेलीकॉम कंपनियों कोअपने इक्विपमेंट केवल सरकार द्वारा आईडेंटिफाई ट्रस्टेड सोर्स से ही लेना होगा। बिना किसी अनुमति के टेलीकॉम सर्विस प्रदान करना या फिर बिना अनुमति टेलीकॉम नेटवर्क्स या डाटा एक्सेस करना, Call Tapping करना आदि अपराध माना जाएगा। इसके लिए 3 साल की सजा और दो करोड रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। नियमों का उल्लंघन करने पर Civil Penalty लगाई जाने का प्रावधान है जिसमें 5 करोड रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
कस्टम बिल्ट सिम बॉक्स सेशन इनीशिएशन प्रोटोकॉल (SIP) ट्रक कॉल डिवाइस और प्राइमरी रेट इंटरफेस डिवाइस (PRI) के जरिए की जाने वाली इंटरनेशनल कॉल को गैर कानूनी माना जाएगा। इंटरनेशनल कॉल करके आतंकवादियों की सहायता करना भी अपराध होगा। नए नियम के तहत इसे अनऑथराइज्ड सेकुलर नेटवर्क माना जाएगा, इसके लिए 10 लाख रुपए तक का फाइन लगाई जा सकती है।